New Delhi. Sep16,2025:हमारे दिमाग़ में सूचनाओं का आदान-प्रदान न्यूरॉन्स के बीच इलेक्ट्रोकेमिकल सिग्नल्स से होता है।रात के समय शरीर “स्लीप वेव्स” पर काम करता है। ऐसे में कोई भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड नींद की-
वाई-फ़ाई और मोबाइल इंटरनेट की आदत
“सो जा बेटे, रात के 12 बज रहे हैं, कब तक मोबाइल फ़ोन देखते रहोगे?” “बस मम्मी, एक फ़िल्म ख़त्म कर रहा हूँ, दिन में वाई-फ़ाई नहीं मिलता ना!”
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नोएडा में रहने वाली सरिता और उनके बेटे अक्षर के बीच ऐसी बातचीत अक्सर होती है। यह केवल एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि हर घर में मोबाइल और वाई-फ़ाई की लत अब एक सामान्य बात बन चुकी है।
वाई-फ़ाई क्या है और कैसे काम करता है
कई लोग मानते हैं कि वाई-फ़ाई का मतलब Wireless Fidelity है, लेकिन असल में इसका कोई पूरा नाम नहीं है। यह एक तकनीक है जो हमें बिना तारों के इंटरनेट से जोड़ती है। वाई-फ़ाई राउटर से निकलने वाले रेडियो वेव्स कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट और स्मार्ट डिवाइस को इंटरनेट एक्सेस देते हैं।
वाई-फ़ाई और स्वास्थ्य पर सवाल
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या रात में वाई-फ़ाई ऑन रखने से हमारी नींद या स्वास्थ्य पर असर पड़ता है? क्या रात को इसे बंद करने से दिमाग़ को आराम मिलता है और नींद बेहतर हो सकती है?
विशेषज्ञों की राय – डॉक्टरों का कहना
दिल्ली-एनसीआर स्थित यशोदा मेडिसिटी में न्यूरो सर्जरी विशेषज्ञ डॉक्टर दिव्य ज्योति के अनुसार:
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अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण यह नहीं कहता कि वाई-फ़ाई सेहत के लिए सीधा नुकसान करता है।
लेकिन तर्क के हिसाब से यह दिमाग़ की इलेक्ट्रिकल इम्पल्स पर असर डाल सकता है।
इसलिए सावधानी बरतना बेहतर है और रात में वाई-फ़ाई बंद कर देना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।
दिमाग़ के इलेक्ट्रिकल इम्पल्स और नींद पर असर
हमारे दिमाग़ में सूचनाओं का आदान-प्रदान न्यूरॉन्स के बीच इलेक्ट्रोकेमिकल सिग्नल्स से होता है। रात के समय शरीर “स्लीप वेव्स” पर काम करता है। ऐसे में कोई भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड नींद की क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है।
रात में वाई-फ़ाई बंद करने के फ़ायदे
डॉक्टरों का मानना है कि-
रात को वाई-फ़ाई बंद करने से गहरी नींद मिल सकती है।
दिमाग़ को पूरा आराम मिलता है और अगले दिन काम करने की क्षमता बढ़ती है।
लंबे समय तक रेडिएशन एक्सपोज़र से बचाव होता है।
मोबाइल फ़ोन और रेडिएशन का सच
केवल वाई-फ़ाई ही नहीं, बल्कि मोबाइल फ़ोन भी माइक्रोवेव फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं। भले ही इनसे निकलने वाली रेडिएशन बहुत कम हो, लेकिन सिरहाने मोबाइल रखकर सोना दिमाग़ और नींद पर असर डाल सकता है।
WHO और अन्य हेल्थ एजेंसियों के अनुसार, बैकग्राउंड रेडिएशन हमारे आसपास पहले से मौजूद है, लेकिन अनावश्यक एक्सपोज़र को कम करना बेहतर होता है।
टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स की राय
टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ मोहम्मद फै़सल अली के अनुसार:
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अभी तक कोई रिसर्च यह साबित नहीं करती कि रात में वाई-फ़ाई बंद करना ज़रूरी है।
लेकिन लंबे समय तक रेडियो वेव्स के ओवरएक्सपोज़र से नुकसान हो सकता है।
भारत में पिछले 10 सालों में वाई-फ़ाई और मोबाइल का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, इसलिए आगे और स्टडी की ज़रूरत है।
संभावित स्वास्थ्य जोखिम
डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स के अनुसार, वाई-फ़ाई और मोबाइल रेडिएशन से संभावित खतरे हो सकते हैं:
गहरी नींद में दखल
कॉन्सेंट्रेशन और फोकस पर असर
लंबे समय तक ट्यूमर के खतरे से जोड़कर देखा जाता है
सावधानियां और समाधान
रात में वाई-फ़ाई राउटर बंद कर दें।
बेडरूम में राउटर लगाने से बचें।
मोबाइल को सिरहाने रखकर न सोएं।
ज़रूरत पड़ने पर Airplane Mode ऑन करें।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग लिमिट में करें।
वाई-फ़ाई आधुनिक जीवन का अहम हिस्सा है और इसके बिना जीवन की कल्पना मुश्किल है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जितना संभव हो, रात के समय वाई-फ़ाई और मोबाइल रेडिएशन से दूरी बनाकर रखें।
यह ज़रूरी नहीं कि यह सीधा नुकसान करे, लेकिन अच्छी नींद और दिमाग़ की सेहत के लिए सावधानी बरतना हमेशा बेहतर है।