Jaipur
Dr. Hetu Bhardwaj: हिंदी साहित्य की राजनीति के कारण रांगेय राघव के साथ न्याय नहीं हुआ
Published
2 years agoon
Dr. Hetu Bhardwaj का हिंदी साहित्य की राजनीति पर जानिए बयान
Credent TV। प्रतिष्ठित कथाकार और वरिष्ठ साहित्यकार Dr. Hetu Bhardwaj ने कहा कि सुप्रसिद्ध कथाकार, उपन्यासकार और इतिहासकार रांगेय राघव अपने समय के बड़े रचनाकार थे लेकिन उस समय की साहित्य की राजनीती के कर्ण उनके साहित्य का सही मूल्यांकन नहीं हुआ जोएक प्रकार की त्रासदी है। हमें उनके साहित्य के योगदान को समाज तक पहुँचाने की जिम्मेदारी उठानी होगी। भरद्वाज प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में यहाँ स्वामी कुमारानंद भवन में रांगेय राघव के जन्मशती स्मरण संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे।उन्होंने कहा कि उहोने बहुत कम आयु में साहित्य संसार को अनेक कालजयी रचनाएँ दी जो आज भी प्रासंगिक है और आगे भी रहेंगी.वे उच्च कोटि के रचनाकार थे. वे कर्मठ, स्वाभिमानी और बहुयामी लेखक थे।
हिंदी, अंग्रेजी संस्कृत सहित कई भाषाओँ के अध्येता थे.वे विश्व दृष्टि के लेखक थे। Dr. Hetu Bhardwaj ने बताया कि रांगेय राघव ने 200 कहानियां लिखी और सांस्कृतिक मिथकों पर समृद्ध साहित्य रचा। उनकी हिंदी कहानी हिंदी साहित्य की श्रेष्ठ कहानी है. उनका मुर्दों का टीला उपन्यास 1948 में आया. वे मानव का इतिहास लिखना चाहते थे लेकिन मह्यात्रा शीर्षक से उसके दो खंड ही आ पाए। उन्होंने भारत का सांस्कृतिक इतिहास लिखा जो अमूल्य थाती है। स्त्री विमर्श पर उनका बड़ा काम है. भारत का इतिहास, समाज शास्त्र और आलोचना पर उनका उल्लेखनीय काम है।उन्होंने शेक्सपियर के नाटकों के साथ दोस्तोयवस्की, तोल्सतोय की रचनाओं का हिंदी में अनुवाद किया।
असाधारण व्यक्तित्व के धनी इस लेखक के अधूरे रहे काम को पूरा करने के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी को आगे आना चाहिए।मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता एवं साहित्यकार प्रेमकृष्ण शर्मा ने कहा कि प्रगतिशील लेखक संघ को युवा पीढ़ी और महिलाओं को अधिक से अधिक जोड़ने की आवश्यकता है । प्रगतिशील लेखक संग के संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और वरिष्ठ व्यंग्यकार फारूक आफरीदी ने कहा कि हमें रांगेय राघव जैसे पुरोधाओं के साहित्य से रूबरू होकर ही समाज में शांति, सद्भाव, भाईचारा कायम रख सकते हैं.उनका साहित्य हमें सही दिशा बोध कराता है। अतीत से हमें सदैव प्रेरणा मिलती है. इस अवसर पर प्रलेस के महासचिव प्रेमचंद गाँधी और सुनीता चतुर्वेदी ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रलेस की जयपुर जिला इकाई का गठन इस मौके पर प्रगतिशील लेखक संघ की जयपुर जिला इकाई के भी चुनाव हुए जिसमें अजय अनुरागी को अध्यक्ष चुना। ओमेंद्र, उमा और फारूक इंजीनियर को अध्यक्ष मंडल में शामिल किया गया।युवा लेखक नवल पाण्डे को महासचिव पद की जिम्मेदारी दी गई। ज़ीनत कैफ़ी एवं महेश कुमार को उपाध्यक्ष के साथ ही नितिन यादव और स्मिता शुक्ला को सचिव बनाया गया है।भागचंद गुर्जर को कोषाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। इसी प्रकार कार्यकारिणी में चर्चित कथाकार तस्नीम खान, सोनू यशराज,नीतू मुकुल, नीरा जैन,संजय विद्रोही और रजनीश भारद्वाज शामिल हुए.
आगे और न्यूज़ पड़ने के लिए यंहा दबाये। click now
You may like
-
SMS Hospital will begin performing robotic surgeries for cancer and other conditions
-
4 were detained in Jaipur with bogus notes worth Rs. 2 lakh
-
FIR was filed against Baba Ramdev in Rajasthan for his remarks in Barmer, where he denounced Islamists and Christian preachers
-
Three are arrested for removing an ATM
-
70 industrial firms in Rajasthan received notices for causing pollution
-
Police in Rajasthan will check for and punish highway speeding offenders using FASTag data