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एनुअल फंक्शन (सुबोध पब्लिक स्कूल)

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रामबाग स्थित सुबोध पब्लिक स्कूल का 31वां वार्षिकोत्सव देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत माहौल में मनाया गया । डेढ़ घंटे के इस रंगारंग कार्यक्रम में लगभग 300 स्टूडेंट्स ने ‘आओ फिर से दीया जलायें….‘ थीम पर प्रस्तुति देकर उपस्थित दर्षकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया।
भारत भूगोल का एक खण्ड ही नहीं है, अपितु विश्व धरा का एक अखण्ड, अनन्त, अनुपम एवं अनमोल धरोहर है । समय साक्षी है कि किस प्रकार से सम्पूर्ण विश्व में एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में भारत वर्ष का अद्वित्तीय योगदान मानव जीवन के हर क्षेत्र में रहता आ रहा है । अंग्रेज हुकूमत व उसके अत्याचारों के खिलाफ लड़ने वे प्राण-न्यौछावर करने वाले हमारे अनगिनत स्वाधीनता सेनानियों की वीरता, साहस व बलिदानों की शौर्य गाथायें न सिर्फ रोंगटे खड़े करने वाली रही है अपितु सदैव हम सभी के लिय प्रेरणास्पद रहती आ रही हैं ।
आज मंचित ‘आओ फिर से दीया जलायें….‘ हमारे स्वाधीनता सेनानियों व शूरवीरों के अतुलनीय त्याग, बलिदान व उनकी निडर, निःस्वार्थ भावना से ओत-प्रोत शौर्यगाथाओं पर आधारित रहा । साथ ही, देश के मौजूदा घटनाक्रम में आज़ादी का अपभ्रंश तथा सरहद पर हमारे वीर जवानों की शहादत को संशय की दृष्टि से देखना एक अत्यन्त ही भयावह और चिंता का विषय है, पर भी प्रभावी प्रस्तुति के माध्यम से पार्टीसिपेंट्स ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने की ये कोशिश की ।

भूल से भी भूलें नहीं, भारत वतन है हमारा,
भारतीय हैं हम और हमारे हौसले बुलन्द हैं,
हमारी सेना के गौरवशाली पराक्रम से…

इन्हीं भावनाओं पर आधारित आज के कार्यक्रम का आगाज़ ‘णमोकार मंत्र‘ के साथ प्लेग्रुप एवं प्राइमरी के बच्चों की सरस्वती वंदना के प्रस्तुतिकरण एवं लाइफ की ब्यूटी का बखान करते इंग्लिश सॉन्ग के साथ हुई, वहीं आउटगोइंग क्लास ट्वैल्थ के स्टूडेंट्स के द्धारा गाये गये ‘ऐ वतन, ऐ वतन, मुझको तेरी कसम…‘ ने सम्पूर्ण वातावरण में देशभक्ति की मिठास घोल दी ।

ब्रिटिष हुकूमत से छुटकारा पाने की ललक को प्रस्तुत करता ‘आजादी की ललक‘ डांस का प्रस्तुतिकरण, स्वतंत्रता संग्राम में मात्र 18 वर्ष की उम्र में खुदीराम बोस जैसे अनेकों गुमनामी के अंधेरे में लुप्त स्वतंत्रता सेनानियों का जीवंत चित्रण, साथ ही बैसाखी डांस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे शूरवीरों से लबरेज गीत…… ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए कातिल में है…..‘ वहीं दूसरी ओर रामप्रसाद बिस्मिल एवं अषफाकउल्ला खान के हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द को प्रदर्षित करती नृत्य नाटिका आज के समय में प्रासंगिकता प्रमाणित करती हुई नजर आई ।

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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की बढ़-चढ़ भागीदारी को प्रस्तुत करता हुआ नृत्य-गीत ‘दिल हूम हूम करे…..‘ बड़ा ही प्रभावी रहा । वहीं सुभाषचंद्र बोस के जोषीले भाषणों को प्रदर्षित करती नाटिका, सरदार वल्लभ भाई पटेल के संगठित भारत के सपने को अमलीजामा पहनाने को लेकर किये गये संजीदा प्रयास, विभाजन एवं उसके उपरांत आई विपदा को हंसी-खुशी सहन करने की शक्ति प्रदान करता है । अंत में ‘तीन रंग है…‘ डांस का प्रस्तुतिकरण बड़ा ही मनमोहक एवं प्रभावी रहा ।

इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुकेष कुमार शर्मा, प्रिंसीपल सेक्रेटरी, अरबन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग, राजस्थान सरकार ने अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं से देशभक्ति की भावना को आत्मसात् करने पर बल दिया ।

इस अवसर पर सुबोध शिक्षा समिति के अध्यक्ष एन.आर. कोठारी, मानद्मंत्री सुमेर सिंह बोथरा, संगठन मंत्री विनोद लोढ़ा एवं विद्यालय संयोजक विनयचंद डागा ने भी अपने विचार रखे ।

कार्यक्रम का डायरेक्षन शिखा भार्गव एवं भारती गांधी का रहा वहीं कॉस्ट्यूम डिज़ाइन नीना अवस्थी एवं अपर्णा काला की रही । स्कूल प्रिंसीपल डॉ0 बेला जोशी ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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