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कलाकारों ने सजीले सुरों से किया रचनाओं का शृंगार

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Credent TV | शास्त्रीनगर स्थित संगीत आश्रम संस्थान परिसर शास्त्रीय संगीत की रागों की खुशबू से महक उठा। संस्थान की ओर से रविवार शाम हुए क्लासिकल म्यूजिक कॉन्सर्ट में करीब एक दर्जन से अधिक  बाल व युवा कलाकारों ने अपनी सलोनी प्रस्तुतियों में राग वृंदावनी सारंग, भूपाली, जौनपुरी, भीमपलासी, तोड़ी, काफी, मारवा, आसावरी जैसी रागों का सजीले सुरों से शृंगार किया। इससे पहले कलाकारों ने गणेश वंदना की भावपूर्ण प्रस्तुति से  कार्यक्रम की शुरुआत की।कार्यक्रम में कलाकार गर्विता मंगल ने सुर, लय व ताल की उम्दा बानगी दर्शाकर राग वृंदावनी सारंग की रचना बन बन ढूंढ़न जाऊं… को  पूरे मनोयोग से गाया। इसके बाद रियांशी, अनन्या शर्मा व उन्नति अग्रवाल ने राग भूपाली की बंदिश  जाऊं तोरे चरण कमल पर…की प्रस्तुति में अपनी तैयारी का बखूबी प्रदर्शन किया।

आशीष सोनी, ममता शर्मा ने राग जौनपुरी की रचना परिये पायन के सजनी…, अशोक जैन ने राग भीमपलासी की रचना  भजमन निशदिन श्याम सुंदर…,  कलाकार मधुमिता सेन ने राग तोड़ी में पिरोयी रचना लंगर कांकरिया…,  वनिता हीरानी ने राग  काफी की रचना छाड़ो छाड़ो छैला…, प्राजक्ता जायसवाल ने राग मारवा की रचना जगत जननि जग… और  रजनी कुमावत ने  राग कामोद में कारे जाने ना दूंगी… जैसी रचना को तन्मयता से पेश कर माहौल को शास्त्रीय संगीत  के इन्द्रधनुषी रंगों से रंग दिया। इसके अलावा रीना बिस्वास ने राग बिहाग, जीनस कंवर ने राग दरबारी, सुमित्रा अग्रवाल ने राग पूनिया  धनाश्री, मुस्कान ने मियां की मल्हार और सौरभ सिंह ने राग आसावरी के सुर साध कर रचनाओं की दिलकश प्रस्तुतियां दीं।

तबले पर इदरिश खान और  हारमोनियम पर हरीश नागौरी ने प्रभावी संगत कर कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत का उम्दा नजारा पेश किया। अंत में संस्थान सचिव अमित अनुपम ने सभी आगन्तुकों का आभार जताया।  कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन की पूरी तरह पालना की गई।

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