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कम्यूनिटी डे-दो दिवसीय वर्कशॉप (सुबोध पब्लिक स्कूल)

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अप्रेल 11-12, 2019 को सुबोध पब्लिक स्कूल रामबाग जयपुर तथा विक्रम ए. साराभाई साइंस सेन्टर एवं कम्यूनिटी सेन्टर अहमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में कम्यूनिटी डे के उपलक्ष्य में दो दिवसीय वर्कशॉप आयोजित की गई । नीति आयोग के दिशा निर्देश द्वारा सुबोध पब्लिक स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब में डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में कम्यूनिटी डे का आयोजन किया गया । जिसमें जयपुर शहर के 15 विभिन्न स्कूलों के लगभग 100 से अधिक बच्चों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया ।

वर्कशॉप के पहले दिन स्टेमचैलेंज सेशन में विक्रम साराभाई साइंस सेन्टर के वैज्ञानिकों ने साइंस, टैक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एवं मैथेमैटिक्स की महत्ता तथा अटलटिंकरिंग लैब की उपयोगिता के बारे में बताया ।

दूसरा सेशन आरडिनो प्रोग्रामिंग के बारे में रहा । इस सेशन में आरडिनो प्रोग्रामिंग कैसे की जाती है, आरडिनों प्रोग्रामिंग के तरीके, उपयोग तथा कोडिंग के बारे में बताया गया एवं बच्चों ने स्वयं छोटे-छोटे प्रोजेक्त के लिये प्रोग्रामिंग एवं कोडिंग की । इस सेशन में बच्चों ने फंक्षनल प्रोजेक्टस बनाना सीखा ।

पोस्ट लंच सेशन में अलग-अलग तरह के सें सर्स, जैसे आर्द्रता मापी सेंसर, दाब मापी सेंसर, गैस सेंसर, ध्वनि सेंसर, लाईट सेंसर, अल्ट्रा वायलेट सेंसर एवं इन्फ्रारेड सें सर्स की महत्ता को समझा तथा सेंसर्स एवं आरडिनो के उपयोग से मनुष्य के सामान्य जीवनोपयोगी प्रोजेक्ट बनाये ।

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वर्कशॉप के दूसरे दिन प्री-लंच सेशन में पहले दिन में सीखे गये डी.आई.वाई. (स्वयं करके सीखें) प्रोजेक्टस पर प्रकाश डाला । बच्चों को छोटे-छोट प्रोजक्टस से होने वाले बड़े बदलाव के बारे में बताया गया तथा उन्हें लर्निंग बाई डूइंग हेतु प्रेरित किया गया ।

पोस्ट लंच सेशन में थ्रीडी प्रिंटिंग एवं डिजाइन थिंकिंग के बारे में बताया गया । बच्चों ने स्वयं थ्रीडी प्रिन्टर पर थ्रीडी मॉडल/स्पेसी मैन्स बनाये । इस सेशन में थ्रीडी प्रिंटिंग से पहले डिजाइन थिंकिंग की महत्ता तथा उपयोग सिखाया गया ।

प्रोग्राम के अन्त में शाला प्राचार्या डॉ0 बेला जोशी ने विक्रम साराभाई साइंस सेन्टर एवं कम्यूनिटी सेंटर अहमदाबाद से आये वैज्ञानिकों का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा आशा  एवं विशवास व्यक्त किया कि यह वर्कशॉप बच्चों के उज्ज्वल भविष्य तथा नव-भारत निर्माण में योगदान देगी। साथ ही बच्चों को इनोवेशन, आइडिएशन, क्रिएशन, प्रोटोटाइपिंग, कोडिंग एवं थ्रीडी प्रिंटिग की ओर उन्मुख करेगी एवं स्वयं तथा दूसरों के लिये रोजगार उत्पन्न करने में सहायक होगी।

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