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प्रधानमंत्री ने पुडुचेरी में 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया

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PM Narendra Modi

Credent TV / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुडुचेरी में 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया। देश में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने “मेरे सपनों का भारत” और “भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अनसंग नायकों” पर चयनित निबंधों का अनावरण भी किया।

इन दो विषयों पर 1 लाख से अधिक युवाओं ने निबंध लिखे द्वारा । प्रधानमंत्री ने लगभग 122 करोड़ रु. के निवेश से पुडुचेरी में स्थापित एमएसएमई मंत्रालय के एक प्रौद्योगिकी केंद्र का भी उद्घाटन किया। उन्होंने लगभग 23 करोड़ रुपये की लागत से पुडुचेरी सरकार द्वारा निर्मित ओपन-एयर थिएटर के साथ एक सभागार – पेरुन्थालाइवर कामराजर मणिमंडपम का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को राष्ट्रीय युवा दिवस की बधाई दी। स्वामी विवेकानंद को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के इस वर्ष में उनकी जयंती और भी प्रेरणादायक हो जाती है। प्रधान मंत्री ने इस अवधि के अधिक महत्व दिया। उन्होंने बताया श्री अरबिंदो की 150 वीं जयंती का उत्सव और महाकवि सुब्रमण्य भारती की 100 वीं पुण्यतिथि भी इसी अवधि में पड़ रही है। इन दोनों संतों का पुडुचेरी से विशेष संबंध है। दोनों एक-दूसरे की साहित्यिक और आध्यात्मिक यात्रा में भागीदार रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया भारत को आशा और विश्वास की नजर से देखती है। क्योंकि भारत की अधिक आबादी युवा है अतः भारत का दिमाग और सोच भी युवा है। भारत की क्षमता और उसकेसपने दोनों युवा हैं भारत अपने विचारों के साथ-साथ अपनी चेतना में भी युवा है। उन्होंने कहा कि भारत की सोच और दर्शन ने हमेशा बदलाव को स्वीकार किया है और इसकी प्राचीनता में आधुनिकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के युवा हमेशा जरूरत के समय आगे आए हैं। जब भी राष्ट्रीय चेतना का विभाजन होता है, तब आदि शंकराचार्य के रूप में कोई युवा हमारे सामने आते हैं और देश को एकता के सूत्र में पिरोते हैं। गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादे जैसे युवाओं के बलिदान आज भी हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

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जब भारत को अपनी आजादी के लिए बलिदान की जरूरत थी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और नेताजी सुभाष जैसे युवा क्रांतिकारी देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए आगे आए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी देश को आध्यात्मिक उत्थान की जरूरत होती है, अरबिंदो और सुब्रमण्यन भारती जैसे संत सामने आते हैं।