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MUJ में इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन की तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस शुरू

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MUJ

Credent TV / Jaipur। राजस्थान सरकार में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने कहा है कि देश में अर्थशास्त्रियों को हमारे गांवों और समाज के वंचित वर्गों की जमीनी हकीकत को समझने की सख्त जरूरत है। वे मंगलवार को बतौर मुख्य अतिथि मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर (MUJ) में इंडियन इकॉनोमिक एसोसिएशन (आईईए) के 103वें और 104वें वार्षिक कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्तमान सरकार उच्च शिक्षा को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज 1800 निजी कॉलेज, 300 सरकारी कॉलेज और अन्य 123 सरकारी कॉलेज पाइपलाइन में हैं।

पन्द्रहवें वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह ने विश्व की पुरानी व्यवस्था को नई-विश्व व्यवस्था में बदलने की बात कही। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को जलवायु नियंत्रण, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद, गरीबी और महामारी से संबंधित स्थितियों से जुड़े मुद्दों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। पूर्व प्रेसिडेंट, आईईए, पूर्व चेयरमैन, यूजीसी और आईसी एसएसआर, चीफ एडिटर, आईईजे, प्रो. सुखदेव थोराट ने इस तथ्य पर जोर दिया कि सामाजिक समावेशी विकास आज के समय की जरूरत है। अर्थशास्त्रियों को एक ऐसी रणनीति पर काम करने की जरूरत है, जिससे गरीब लाभान्वित हों।

Manipal University ( MUJ )

फाउंडर एंड चेयरमैन, केआईआईटी और केआईएसएस, भुवनेश्वर, प्रो. अच्युत सामंत ने कहा कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। महामारी के दौरान किसी भी तरह की सामाजिक सुरक्षा नहीं होने के कारण दिहाड़ी मजदूरों की दुर्दशा स्पष्ट रूप से देखी जा सकती थी।

इससे पहले एमयूजे के कुलपति, प्रो. जीके प्रभु ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि अर्थशास्त्र सभी पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। शोध के लिए एक आवश्यक मांग भी है। इस अवसर पर वाईस प्रेसिडेंट, आईईए एचओडी ऑफ इकोनॉमिक्स, वीएसएसडी कॉलेज, कानपुर, डॉ. देवेंद्र अवस्थी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान मंच पर गणमान्य लोगों ने इंडियन इकोनॉमिक जर्नल और आईईए मेम्बरशिप प्रोफाइल-2022 का कॉन्फ्रेंस स्पेशल अंक भी जारी किया गया।

कॉन्फ्रेंस में बुधवार को बीआरए यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल, राजस्थान यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति प्रो. कांता आहूजा और कुवेम्बु यूनिवर्सिटी शिमोगा के कुलपति प्रो. बीपी वीरभद्रप्पा सहित देश-विदेश के प्रतिनिधि विचार व्यक्त करेंगे।

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