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CENTRAL SANSKRIT UNIVERSITY,JAIPUR

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर

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केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर परिसर में सोमवार को प्राध्यापक विकास केंद्र पांच दिवसीय संस्कृत भाषा दक्षता शिविर का शुभारम्भ हुआ।

विभिन्न राज्यों से पधारे 110 छात्र सीखेंगे संस्कृत भाषा में वार्तालाप
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर परिसर में सोमवार को प्राध्यापक विकास केंद्र पांच दिवसीय संस्कृत भाषा दक्षता शिविर का शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेंटर फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड प्रैक्टिस संस्था के शोधाधिकारी डॉ जय बहादुर सिंह कच्छावा थे। अध्यक्षता परिसर निदेशक प्रो सुदेश कुमार शर्मा ने की। , कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ प्रतिभा सिंह रतनू (शारीरिक शिक्षा निदेशक ,राजस्थान विश्वविद्यालय) थी। केन्द्र निदेशक प्रो वाई रमेश ने बताया की इस दक्षता शिविर कार्यक्रम में विशेष रूप से केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के उत्तर मध्य भारतीय परिसरों के व आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के पश्चिमी क्षेत्रीय युवा महोत्सव में विजेता छात्रों व चयनित खिलाड़ियों को संस्कृत भाषा दक्षता का प्रशिक्षण विभिन्न प्रशिक्षकों के द्वारा दिया जायेगा। मुख्य अतिथी डॉ जय बहादुर ने सम्बोधित करते हुये कहा की संस्कृत भाषा के महत्व को बताते हुए इसे प्राचीन ज्ञान का स्रोत बताया, साथ ही व्यवहार करने पर ही कोई भाषा सुगम्य होती है यह प्रतिपादित किया । विशिष्ट अतिथि प्रतिभा सिंह रतनू निदेशक शारीरिक शिक्षा ,राजस्थान विश्वविद्यालय ने बताया कि संस्कृत भाषा का भविष्य हमारे आज के छात्र हैं ।

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क्रीडा को जीवन के लिए औषधि मानते हुए संस्कृत निष्ठ खिलाड़ियों की वर्तमान समय में आवश्यकता पर बल दिया । कार्यक्रम अध्यक्ष व परिसर निदेशक प्रोफेसर सुदेश कुमार शर्मा ने स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन की स्थापना को बताते हुए खेलों के माध्यम से संस्कृत संभाषण के औचित्य व महत्व पर प्रकाश डाला छात्रों को संस्कृत संभाषण शिविर का प्रशिक्षण दिया जायेगा शिविर के माध्यम से छात्र छात्राओं में संस्कृतमय वातावरण निर्माण करना परस्पर वार्तालाप, गीतिका ,संस्कृत शुद्ध श्लोक उच्चारण पाठ ,गीतापाठ, स्वाध्याय, व्याकरण, साहित्य , के नियमो की जानकारी तथा संस्कृत में वाक्य निर्माण करना सिखाया जायेगा। जिसके माध्यम से छात्र क्रीडा, सामान्य क्रियाकलाप आदि के माध्यम से संस्कृत भाषा के व्यवहार में दक्ष किया जाएगा। इस अवसर पर डॉ रेखा कुमारी डॉ नमिता मितल डॉ किरण खींची डॉ नरेश सिंह डॉ घनश्याम हरदेनिया डॉ डमरूधरपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद सहित अनेक संस्कृत विद्वान् छात्र छात्राये उपस्थित थे