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स्पिकमैके-ओडिसीनृत्य ( सुबोध पब्लिक स्कूल)

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रामबाग स्थित सुबोध पब्लिक स्कूल में स्पिकमैके की ओर से ओडिसीनृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसमें नृत्य गुरू मधुमिताराउत ने ओडिसीनृत्य एवं इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं को वैश्विक साहित्य के अनुप्रयोग से समझाया । कार्यक्रम के प्रारंभ में मंच अवतरण के रूप में ओडिसीनृत्यांगना जयंती चक्रवर्ती शर्मा ने अपनी भाव-भंगिमाओं से गणेश स्तुतिकर तेहु ये पुष्पांजलि के रूप में प्रकृति प्रदत्तमुद्राओं का प्रदर्शन किया ।

उल्लेखनीय है कि ओडिसीनृत्य की विभिन्न मुद्राओं के माध्यम से संगीत के हर पक्ष को न केवल समझा जा सकता है अपितु सरल तरीके से योग, ध्यान एवं चेतना के रूप में भी अपनाया जा सकता है । बसंत ऋतु में किये जाने वाला पल्लवीनृत्य का प्रदर्शन सभी को बरब सही अपनी ओर आकर्षित किये जा रहा था । चाहे बातकोणार्क के सूर्य मंदिर की हो या लिंग राजामंदिर की जहाँ के उत्कीर्ण शिला लेखों परवीणा, मर्दल, मंजीरा आदि के प्रयोग से युक्तनृत्य प्रदर्शनों को ओडिसीनृत्य में अंगीकार करके शास्त्रीय गायन के माध्यम से मोक्ष नृत्य की प्रस्तुति के दौरान जीवंत सा कर दिया । डॉ0 मधुमिताराउत ने अपने उद्बोधन में उपस्थित स्टूडेंट्स से अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए संगीत एवं नृत्य के पक्ष को समझने पर जोर दिया ।

गायन पक्ष हरि नारायण दास का था वहीं मर्दल (पखावज) पर प्रशांत कुमार महाराणा ने संगत की और धीरज कुमार ने अपनी बांसुरी की धुन से सभी को मंत्र-मुग्ध कर दिया । स्टूडेंट्स ने ओडिसीनृत्य के प्रति अपनी रूचि को बढ़ाते हुये डॉ0 मधुमिताराउत से अपनी जिज्ञासाओं को प्रष्नों के रूप में शांत किया वहीं स्पिकमै के की स्टूडेंट बॉडी के वॉलिन्टियर्स के लिये एक सूक्ष्म कार्यषाला का भी आयोजन किया गया।

कार्यषाला में डॉ0 मधुमिता ने ओडिसीनृत्य के विभिन्न पक्षों को अपने अनूठे अंदाज़ में छात्र-छात्राओं के बीच में रखकर नृत्य को रूचि पूर्ण बनाने की कोषिष की।

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