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डॉ डीपी शर्मा का नाम गूगल की 51 विख्यात राजस्थानियों और वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय सूची में शामिल

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Dr DP Sharma

Credent TV | राजस्थान के धौलपुर जिले के चंबल की घाटियों के बीच बसे छोटे से गांव समौना में जन्में डॉ डीपी शर्मा अनेकों शारीरिक बाधाओं को पार करते हुए अपने हौसले और लगन के दम पर एक बार फिर से गूगल सर्च में राजस्थान के 51 प्रतिष्ठित व्यक्तियों एवं वैज्ञानिकों की सूची में लगातार चौथी बार अपना स्थान बनाने में कामयाब रहे। जनवरी, 2022 के प्रथम सप्ताह में जारी राजस्थान के प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची में उनका नाम इस बार प्रथम पांच में शामिल किया गया है। यह खबर सभी राजस्थानियों का सीना गर्व से चौड़ा करने वाली है। इस सूची में उनके साथ ओलंपिक विजेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राजस्थान निवासी इंग्लैंड के स्टील किंग लक्ष्मी नारायण मित्तल, विख्यात गजल गायक जगजीत सिंह, पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, महाराणा प्रताप, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महाराजा जयपुर भवानी सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं अन्य प्रतिष्ठित लोगों को भी शामिल किया गया है।

भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी जी के इनीशिएटिव पर आईआईजीएफ यानी इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फॉरम जोकि यूनाइटेड नेशंस के एजेंडा के तहत दुनिया में इंटरनेट को गवर्न करने के लिए मिशन चलाया जा रहा है उसमें अध्यक्षता कर अध्यक्षीय भाषण देते हुए। नवंबर 2021


डॉ डीपी शर्मा कंप्यूटर वैज्ञानिक होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय डिजिटल डिप्लोमेट भी हैं। वह यूनाइटेड नेशंस की आईएलओ से अंतरराष्ट्रीय परामर्श (सूचना तकनीकी) के रूप में जुड़कर वे दुनिया को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सन 2017 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें स्वच्छ भारत मिशन के राष्ट्रीय एम्बेसडर के रूप में मनोनीत कर भारत में सेवाएं देने के लिए आग्रह किया था। डॉ डीपी शर्मा की पहल से चलाए गए कैंपेन से स्वच्छ भारत मिशन के तहत अनेकों स्वच्छता संबंधी सुधार जमीनी हकीकत के रूप में बदल सकें हैं।

आईएनवीसी इंटरनेशनल अवॉर्ड सेरिमनी में अध्यक्षता करते हुए जिसमें यूनाइटेड नेशंस के यूएनईपी चेयरमैन ओस्लो से टॉरे ब्रेविक, एमपी पुलिस के डीजी पवन जैन, भारद्वाज फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री पीएम भारद्वाज एवम 5 विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अन्य लोग शामिल थे।

गूगल की इस अंतरराष्ट्रीय लिस्ट में डॉ डीपी शर्मा का नाम वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं उपराष्ट्रपति से भी रैंकिंग में पहले होना इस बात की ओर इंगित करता है कि यदि व्यक्ति में जिद हो तो वो ज़माना बदल सकता है। उनकी यह सफलता इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है की जीवन के संघर्षपूर्ण सफरनामे में सामाजिक एवम शारीरिक चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने अपना नाम दुनिया के क्षितिज पर अंकित करवा लिया है । विभिन्न शारीरिक बाधाओं के बावजूद डॉ शर्मा ने विपरीत परिस्थितियों में कठिन संघर्ष करते हुए अपनी पढ़ाई प्रतिदिन 18 किलोमीटर पैदल चलकर पूरी की, आज दुनिया उनके उस संघर्ष को जान, पहचान एवं सराह रही है। डॉ डीपी शर्मा कम्प्यूटर की 22 पुस्तकों के लेखक, भारत, अमेरिका, बेल्जियम, फ्रांस, इथ्योपिया एवम जर्मनी के विश्वविद्यालयों में एक्सटर्नल फंडेड पीएचडी रिसर्च एडवाइजर एवं 53 अवार्ड के साथ उन्हें सरदार पटेल लाइफ टाइम अचीवमेंट इंटरनेशनल अवॉर्ड एवं शांति दूत अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से भी सम्मानित किए जा चुका है।


अभी हाल में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्था IEEE ने भी उन्हें कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स के लिए भी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। ईमानदारी, पुनर्वास एवं शिक्षा के क्षेत्र में किया गये अति विशिष्ट कार्यों के लिए सन 2001 में भी उन्हें गॉडफ्रे फिलिप्स नेशनल ब्रेवरी अवार्ड से भी सम्मानित किया चुका है।